Chamiya bai biography examples



पढ़िये- दिल्ली की 'छमिया बाई' की लव स्टोरी, वह कट्टर मुस्लिम परिवार से थी पर दिल आया हिंदू वकील पर

चाचा की वजह से बन गई सिताराशमशाद बेगम बहुत अच्छा गाती तो थी, लेकिन उस समय का समाज इतना खुला नहीं था कि सहजता से उन्हें आगे बढ़ाता। हर किसी की तरह शमशाद भी चाहती थीं वह फिल्मों में गाएं और दुनिया भर में नाम कमाएं, लेकिन हिंदी फिल्मों में गाना उनके लिए सपने जैसा था। खैर, शमशाद की प्रतिभा को देश-दुनिया के सामने लाने का श्रेय शमशाद के चाचा को जाता है, जो उनके लिए मसीहा की तरह बन गए। हुआं यूं कि उनके चाचा लाहौर की एक बड़ी म्यूजिक कंपनी में ऑडीशन दिलाने ले गए। यहां पर महज इत्तेफाक से गुलाम हैदर ने उनका ऑडिशन लिया। प्रतिभा की धनी शमशाद बेगम को एक ही बार में 15 गानों का कॉन्ट्रेक्ट मिल गया। इसके बाद एक लंबा सफर तय कर उन्होंने हिंदी सिनेमा को ऐसे बेहतरीन गीत गाए कि उनके करोड़ों दीवाने हो गए और आज भी हैं। पिता से वादा निभाया बेटी शमशाद नेबताया जाता है कि शमशाद बेगम को हिंदी फिल्मों में गीत गाने की अनुमति इसी वजह से मिली थी कि उन्होंने अपने वालिद से वादा किया था कि वह कभी कैमरे के सामने नहीं आएंगी। यह भी बताया जाता है कि शमशाद बेइंतेहा खूबसूरत थी, लेकिन उन्हें कैमरे के सामने आना पसंद नहीं था, इसलिए वह कभी कैमरे के सामने नहीं आईं। कुछ लोगों का मानना है कि शमशाद खुद को खूबसूरत नहीं मानती थीं, इसलिए पर्दे पर नहीं आती थीं। सच्चाई तो यह है कि वह खूबसूरत थीं, लेकिन उनका पर्दे पर नहीं आने का फैसला खुद का था।कट्टर मुस्लिम परिवार से थी, लेकिन मोहब्बत कर बैठीं हिंदू युवक सेअपनी आवाज से करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बनाने वालीं शमशाद बेगम ने 23 अप्रैल, 2013 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। यह भी कम हैरान की बात नहीं है कि शमशाद बेगम बेहद कट्टरवादी मुस्लिम परिवार से थी। जहां पांचों जून की नमाज अदा की जाती थी। बावजूद इसके शमशाद बेगम एक हिंदू वकील गणपत लाल पर फिदा हो गईं। इसके बाद परिवार के खिलाफ जाकर शमशाद बेगम ने महज 15 साल की उम्र में शादी की थी। गणपत ने लाहौर से मुंबई तक शमशाद का हर कदम पर ख्याल रखा। शमशाद ने भी पति के साथ उम्र भर का रिश्ता निभाया। उनकी एक बेटी भी है।जानिये- शमशाद बेगम के बारे में खास बातें
  • शमशाद बेगम ने अपने पूरे हिंदी फिल्मी करियर में देश की विभिन्न भाषाओं में 6,000 से ज्यादा गाने गाए हैं।
  • शमशाद बेगम अपने जमाने की सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाली और कमाने वाली प्लेबैक सिंगर भी।
  • शमशाद बेगम को पहली बार एक गाने के लिए 15 रुपये मिले थे। 
  • शमशाद ने नौशाद, एसडी बर्मन और ओ पी नैयर जैसे महान संगीतकारों के साथ काम किया था।
  • शमशाद बेगम ने कभी किसी नए संगीतकार के साथ गाने से मना नहीं किया। यह उनके बड़प्पन का दिखाता है।
  • वर्ष 1937 में शमशाद बेगम ने लाहौर रेडियो पर अपना पहला गीत पेश किया था।
  • वर्ष 1944 में उन्होंने अपना पहला कदम मुंबई में रखा था।
  • 16 दिसंबर, 1947 को पूरी दुनिया ने शमशाद बेगम की आवाज के जादू को महसूस किया था।
  • शमशाद बेगम ने हिंदी सिनेमा के मशहूर गायक नौशाद अली, राम गांगुली, एसडी बर्मन, सी रामचन्द्रन, खेमचंद प्रकाश और ओपी नय्यर जैसे तमाम गायकों के साथ गीत गाए हैं।
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